झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच बंगलादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जवाब देते हुए बाबूलाल मराण्डी ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि मैंने पहले ही कहा है और हमेशा इसी बात अडिग रहूँगा कि बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा मेरे लिए केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मेरे समुदाय के अस्तित्व, उनकी पहचान और उनके भविष्य का प्रश्न है। झारखंड के मेरे आदिवासी भाई बहनों की भूमि, उनकी संस्कृति, सभ्यता और अधिकारों पर हो रहे हमले को मैं कभी भी चुपचाप नहीं देख सकता हूँ। घुसपैठ की समस्या अब सिर्फ संताल परगना तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि बंगलादेशी, रोहिंगया घुसपैठ समस्या झारखंड में पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, शहर – कस्बे से लेकर सुदूर ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों तक फैल गई है इसलिए एक संताल होने के नाते, मेरा यह प्रथम कर्तव्य बनता है कि मैं अपने लोगों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा रहूँ और उनके संघर्ष में सहभागी बनकर अधिकारों एवं संस्कृति की रक्षा करने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दूँ। भारतीय जनता पार्टी का एक सच्चा सिपाही और कार्यकर्ता होने के नाते मेरे विचार स्पष्ट हैं। चुनाव परिणाम चाहे जो भी होने, हम अपने लोगों के अधिकारों और हितों के लिए संघर्ष करना कभी नहीं छोड़ सकते, इसलिए मैं अपना सम्पूर्ण समय और ऊर्जा अपने लोगों को जागरूक करने ऑर उन्हें सशक्त बनाने में लगाऊँगा, ताकि कोई भी हमारी जल जंगल जमीन की तरफ अपनी आँख उठाकर भी न देख सके। यह संघर्ष केवल वर्तमान के लिए नहीं है, बल्कि हमारी अपने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास है। मैं आप लोगों से वादा करता हूँ कि इस संघर्ष में मैं कभी पीछे नहीं हटूँगा, कभी हार नहीं मानूँगा। आगे बाबूलाल ने कहा कि हमारा रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन हमारी इच्छा शक्ति अडिग है। हमारा संघर्ष सिर्फ अधिकारों की रक्षा भर का नहीं, बल्कि सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा का भी है, इसलिए अस्तित्व की इस लड़ाई में, मैं आखिरी सांस तक आप लोगों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर लड़ते हुए आपके बीच खड़ा मिलूंगा।
जय झारखंड भाजपा बंगलादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर घिरी – झारखंड विधानसभा 2024 के चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद बंगलादेशी घुसपैठिये मुद्दे पर चारों तरफ घिर चुकी है। इस विधानसभा के चुनाव में असम के मुख्यमंत्री हेमंता विश्व सरमा द्वारा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को जिस प्रकार उठाया गया, उससे भाजपा इस समय बैकफुट है। सोशल मीडिया पर भाजपा को इस मुद्दे पर घेरा जा रहा। लोगों को कहना है कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा नहीं उठाना चाहिए था। झारखंड में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद वरिष्ठ नेताओं को हार की समीक्षा कर रहे हैं। हालांकि यह बात तो कह ही सकते हैं कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा नहीं चला।