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रांची/ डेस्क : रांची सिविल कोर्ट ने एक मामले में करीब तीन दशक के बाद एक फैसला सुनाया है जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में 14 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 8 आरोपियों को बरी कर दिया, वहीं अन्य अभियुक्त ट्रायल के दौरान मर चुके हैं। दरअसल यह मामला 1995 का है जिसमें कीटनाशक दवा घोटाला होने का ज़िक्र है।
अधिकारियों के मिली भगत से कीटनाशक दवा की जगह राख़ सप्लाई हुई थी –
इस मामले में हुआ यह था कि वन विभाग ने 1995 में एक टेंडर निकाला गया था, जिसमें कीटनाशक दवा सप्लाई किया गया था। इस कीटनाशक दवा सप्लाई के जगह पर राख़ सप्लाई कर दिया गया था। इस मामले की जांच एसीबी ने की थी , जांच में पाया गया था कि इन सब में वन विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत है । मामला सही पाये जाने के बाद वन विभाग के
तत्कालीन डीएफओ , 5 सप्लायर ऑर अन्य वन विभाग के अधिकारियों समेत 14 के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के द्वारा नौ गवाह पेश किया गया था लेकिन एक भी गवाह ने समर्थन नहीं किया।