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रांची / डेस्क : उत्तर प्रदेश के संभल के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जब चार दशकों बाद एक मंदिर का ताला खुलने पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. स्थानीय लोगों के साथ अन्य जिलों से भी लोग दर्शन के लिए पहुंचे और लोग भावुक हो गए. आपको बता दें संभल की शाही जामा मस्जिद से करीब एक किमी दूर है खग्गू सराय मोहल्ला. मेन रोड से करीब 500 मीटर अंदर जाने पर एक पुराना मंदिर दिखाई देता है. करीब 70 गज जमीन पर बने इस मंदिर में 46 साल बाद पहली बार पूजा की गई. 14 दिसंबर को संभल के DM राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण बिश्नोई टीम के साथ बिजली चोरी पकड़ने खग्गू सराय मोहल्ले में गए थे. इसी दौरान बंद पड़े इस मंदिर का पता चला था. आसपास के लोगों से मंदिर के बारे में पता किया तो अलग-अलग कहानियां सामने आने लगीं. इन कहानियों का एक सिरा कॉमन है 1978 के दंगे. पुलिस-प्रशासन की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, होली के तीन दिन बाद हुए इस दंगे में 184 से ज्यादा लोग मारे गए थे. तभी डर की वजह से खग्गू सराय में रहने वाले 100 हिंदू परिवार पलायन कर गए. इनमें ज्यादातर कारोबारी थे. 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी. इस शहर में दंगों का पुराना इतिहास है. बीते 88 साल में यहां 16 दंगे हुए हैं. ये आंकड़ा पुलिस-प्रशासन के रिकॉर्ड से मिला है. संभल में सबसे बड़ा दंगा 1978 में हुआ था, तब खग्गू सराय को बनियों का मोहल्ला कहते थे. बनियों का मोहल्ला आज भी है, लेकिन उसमें एक भी हिंदू परिवार नहीं रहता. उनकी निशानी के तौर पर पुराना शिव-हनुमान मंदिर ही बचा है. 1978 के दंगे के बाद से मंदिर में लोगों का आना बंद हो गया. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी यहां पहुंचे, तो मंदिर जैसा स्ट्रक्चर दिखा. गेट पर ताला लगा था. ताला तोड़ा तो अंदर हनुमान जी की मूर्ति और शिवलिंग मिला. इस मंदिर के बारे में आसपास के लोगों, पुलिस प्रशासन और यहां का इतिहास जानने वाले लोगों से बात की. संभल में हिंसा के बाद, पुलिस की जांच में पता चला कि दीपा सराय इलाके में लोग बिजली चोरी कर रहे हैं. 150 से ज्यादा पुलिस जवान के साथ एक टीम ने 14 दिसंबर की सुबह 5 बजे यहां छापा मारा. सुबह 11 बजे टीम खग्गू सराय के बनिया मोहल्ला पहुंची. बनिया मोहल्ला में बिजली चोरी तो पकड़ी ही गई, पुराना मंदिर भी मिल गया है. ये खबर सामने आते ही, दूसरी जगह बस चुके हिंदू परिवार आने लगे. उन्होंने बताया कि, मंदिर के पास एक कुआं और पीपल का पेड़ भी था. कुएं से पानी लेकर लोग मंदिर में जल चढ़ाते थे. पीपल की भी पूजा होती थी. इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि ये मामले देखने के दौरान मंदिर का पता चला. ये तीन ओर से ढंका था और चौथी तरफ ईंटें रखी थीं. वहीं, संभल के SP कृष्ण बिश्नोई ने बताया कि, अतिक्रमण करने वालों की पहचान की जा रही है. आगे असुरक्षा का माहौल ना रहे, इसके लिए इंतजाम कर रहे हैं.
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