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नई दिल्ली / डेस्क : महाकुंभ 2025 का आगाज 13 जनवरी को हो जाएगा और इसका समापन 26 फरवरी को होगा. महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा स्नान के साथ होती है और महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ कुंभ पर्व की समाप्ति हो जाती है. उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार मिलकर आयोजन को भव्यता-दिव्यता की तरफ ले जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि, देश ही नहीं दुनिया के लोग इस बार महाकुंभ में आएंगे और अलौकिक क्षण का दर्शन करेंगे. भारतीयता और आत्मीयता के लिए कुंभ मेले जैसे आयोजन जरूरी हैं. विशेष रूप से प्रयागराज और आसपास के लोगों को मजबूती मिलेगी. इससे पहले राम मंदिर पहुंचने पर ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने उनका अभिनंदन किया. वहीं हनुमानगढ़ी में संकट मोचन सेना के अध्यक्ष महंत संजय दास व पुजारी हेमंत दास ने उपराज्यपाल का स्वागत-सम्मान किया. महाकुंभ 2025 में 45 दिनों में देशभर से करीब 45 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. केंद्र सरकार प्रयागराज में शुरू हो रहे महाकुंभ में शामिल होने वाले रेल यात्रियों की सुविधा के नए विकल्प पर विचार कर रही है. जानकारी के अनुसार, रेलवे महाकुंभ से लौटने वाले जनरल कोच के यात्रियों के लिए टिकट खरीदने की अनिवार्यता खत्म कर सकती है. इसके लिए जरूरी औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. दरअसल, महाकुंभ के 45 दिनों में देशभर से करीब 45 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. रेलवे का आकलन है कि कुंभ के दिनों का औसत निकालें तो रोज 5 लाख से ज्यादा यात्री सामान्य श्रेणी के कोचों में सफर करेंगे. इतने ज्यादा यात्रियों को एक दिन में टिकट उपलब्ध कराने के लिए जरूरी संसाधन जुटाना बड़ी चुनौती होगी. इसलिए जनरल टिकट खरीदने की अनिवार्यता को कुंभ के लिए रद्द किया जा रहा है. रेलवे कुंभ के लिए 3 हजार विशेष ट्रेनें चलाएगा, जो 13 हजार से ज्यादा फेरे लगाएंगी. महाकुंभ के दौरान संगमनगरी में 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का भी संगम देखने को मिलेगा. प्रयागराज में सबसे बड़ी सिंक्रोनाइज्ड स्वीपिंग ड्राइव, सबसे बड़ी ई-व्हीकल्स की परेड, 8 घंटे में सबसे ज्यादा हैंडप्रिंट पेंटिंग बनाने और सबसे बड़ी नदी सफाई अभियान के रिकॉर्ड्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. यह सभी रिकॉर्ड्स गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मानकों और गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर पूरे किए जाएंगे. ऐसे में इन रिकॉर्ड्स से जुड़ी प्रक्रियाओं के पालन के लिए एक विशिष्ट टीम का गठन जल्द किया जाएगा. यह विशिष्ट टीम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों के साथ बातचीत करने के साथ ही सभी मानकों और निगरानी की प्रक्रिया पूरी करेगी.