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नई दिल्ली / डेस्क : संसद के शीतकालीन सत्र का आज आठवां दिन हंगामेदार रहा. कई मुद्दों पर बहस हुई. बीते सात दिनों में संभल हिंसा, मणिपुर संकट, किसानों की मांग और अडाणी मामले पर संसद में गहमागहमी रही है. आज कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां चीन विवाद और अडाणी मुद्दे को लेकर फिर से सरकार को घेरते हुए नजर आई. आज फिर यह मुद्दा आगे बढ़ा तो पक्ष-विपक्ष की ओर से नारेबाजियां हुई. आपको बता दें कि आज विपक्षी सांसद काली जैकेट पहनकर संसद पहुंचे और गली-गली में शोर है, मोदी-अडाणी चोर हैं के नारे लगाए. संसद की पिछली 7 कार्यवाहियों में संभल हिंसा, मणिपुर हिंसा, किसानों की मांग का मुद्दा और अडाणी मामला सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. विपक्षी सांसदों के साथ राहुल और प्रियंका गांधी भी शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करते हुए ये भी कहा कि, स्कूल देखो- अडाणी, सड़कें देखो- अडाणी, ऊपर देखो- अडाणी, नीचे देखो- अडाणी के नारे लगाए. वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि, आप कभी इन्वेस्टीगेशन कराओगे? आप करा सकते हो अपना ही इन्वेस्टीगेशन? मोदी जी, अडाणी जी की जांच नहीं करा सकते, क्योंकि मोदी, अडाणी की जांच कराएंगे तो अपनी ही जांच कराएंगे. मोदी और अडाणी दो नहीं, एक हैं. विपक्षी सांसदों की अडानी मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करने पर कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि, विश्व स्तर पर भारतीय व्यापारियों के चरित्र और प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. पूरे देश ने उन पर रोक लगा दिया है, क्योंकि वह भ्रष्टाचार में शामिल हैं. पीएम को जवाब देना चाहिए और इस मामले में जेपीसी का गठन करना चाहिए. एक व्यक्ति पूरे देश की छवि खराब कर रहा है. दूसरी ओर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि, बेहतर होता कि खुद को विपक्ष का नेता कहने वाले राजनीतिक नौटंकीबाज राम जन्मभूमि मंदिर की परिक्रमा करते, जो लोग यहां राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं, बेहतर होता कि वे राजघाट पर जाकर बैठते. बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि, राहुल गांधी हाथ में संविधान की किताब लेकर संविधान तोड़ने की बात कर रहे थे. उनका काम संभल जाना नहीं था. दरअसल उन्हें अपना फोटो सेशन पूरा करना था, उनकी सहानुभूति संभल या वहां के लोगों से नहीं है. उनकी सहानुभूति अपने वोट बैंक से है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे का वोट बैंक खींचना चाहती हैं, दोनों में आपसी प्रतिद्वंद्विता है, एक गया तो उसे देखकर दूसरे भी जाएंगे.