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नई दिल्ली /डेस्क : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू आज राजस्थान के दौरे पर है. किरेन रिजिजू अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचे. जहां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी दी हुई चादर को चढ़ाया. आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को एक चादर सौंपी थी, जो 13वीं सदी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ के अवसर पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई जाती है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब नवाज के 813 वें उर्स मुबारक के अवसर पर दुनिया भर में उनके अनुयायियों और अजमेर शरीफ में आए सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि, समाज में प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने के लिए समर्पित उनका जीवन और आदर्श हमारी पीढियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा. उनके वार्षिक उर्स का उत्सव लोगों में आपसी जुड़ाव को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगा. बता दें सद्भाव की परंपरा पदभार संभालने के बाद से पीएम मोदी ने सालाना अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ भेजने की परंपरा को बनाए रखा है. यह 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री ने इस अनुष्ठान में भाग लिया है, जो सांस्कृतिक और धार्मिक एकजुटता के एक सेतु के रूप में इसके महत्व को रेखांकित करता है. हालांकि यह चादर आज केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के हाथों अजमेर शरीफ पहुंच चुकी है. किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाई और दुआ मांगी. जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा कि, उर्स के दौरान गरीब नवाज की दरगाह पर जाना देश की पुरानी परंपरा है. मुझे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर चढ़ाने का मौका मिला है. प्रधानमंत्री मोदी का संदेश सद्भाव और भाईचारे का है. विविधता में एकता हमारी संस्कृति है. हिंदू, जैन और सिख सभी समुदाय के लोग गरीब नवाज से दुआ मांगते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है. किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि, हम सब बहुत खुशकिस्मत है कि हम आज यहां आए हैं. हम प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर लेकर आए हैं. मैंने प्रधानमंत्री मोदी का संदेश भी पढ़ा. हमने यहां दुआ मांगी. इस कार्यक्रम में देशभर से और उसके बाहर से हजारों तीर्थयात्री आए, सभी ने संत की प्रेम, करुणा और समानता की शिक्षाओं का स्मरण किया. रिजिजू ने उर्स के दौरान हर साल दरगाह पर आने वाले लाखों लोगों के लिए तीर्थयात्रा के अनुभव को सरल और बेहतर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.