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प्रयागराज : महाकुंभ मेला 2025 को लेकर सोशल मीडिया और कुछ समाचारों में यह भ्रम फैल गया था कि इस बार शाही स्नान की तिथियां 6 होंगी, लेकिन अब इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि हो गई है कि महाकुंभ 2025 में शाही स्नान केवल 3 दिन होंगे। इन 3 तिथियों पर विशेष रूप से लाखों श्रद्धालु और साधू-संत एकत्रित होंगे, जो पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करेंगे।
महाकुंभ मेला 2025 की शाही स्नान तिथियां:
महाकुंभ मेला में शाही स्नान की तिथियां अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं और इनका धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। प्रयागराज में हो रहे इस महाकुंभ में शाही स्नान के लिए तीन प्रमुख तिथियां निर्धारित की गई हैं:
- 27 जनवरी 2025 – पहला शाही स्नान (मकर संक्रांति)
- 12 फरवरी 2025 – दूसरा शाही स्नान (बसंत पंचमी)
- 15 फरवरी 2025 – तीसरा शाही स्नान (महाशिवरात्रि)
इन तीन तिथियों पर शाही स्नान होता है, जब लाखों श्रद्धालु एकत्रित होकर संगम (गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल) में पवित्र स्नान करते हैं। इन तिथियों को लेकर विशेष धार्मिक आस्था है, और माना जाता है कि इन दिनों स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ मेला का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण आयोजन माना जाता है, जो हर 12 वर्ष में चार प्रमुख तीर्थ स्थलों — प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक — पर आयोजित होता है। इस मेले का उद्देश्य पवित्र नदियों में स्नान करने के माध्यम से आत्मा को शुद्ध करना और पापों से मुक्ति प्राप्त करना है। शाही स्नान के दौरान, श्रद्धालु संगम में स्नान करके पुण्य अर्जित करते हैं और इसके साथ ही धार्मिक अनुष्ठानों और मंत्रों का जाप करते हैं।
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी एक अभिन्न हिस्सा है। यहां न केवल धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक महापर्व भी है, जहां लाखों लोग एकत्रित होते हैं, आपस में संवाद करते हैं, साधना करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। इस मेले में देश-विदेश से लोग आते हैं, और यह भारतीय विविधता, एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक बन जाता है।
महाकुंभ मेला 2025: जरूरी जानकारी
इस बार, प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की है, जिसमें सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाएं, और यातायात व्यवस्था प्रमुख रूप से शामिल हैं। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे सही तिथियों के बारे में सुनिश्चित रहें और आधिकारिक घोषणाओं का पालन करें ताकि कोई भ्रम न हो।
इस महाकुंभ के आयोजन को लेकर सरकार और विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा सख्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं, ताकि लाखों लोगों का आयोजन आरामदायक और सुरक्षित हो सके। इसके साथ ही, पर्यावरण की सुरक्षा और सफाई के मुद्दे पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।