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रांची/ डेस्क : असम सरकार द्वारा जारी सार्वजनिक स्थानों में बीफ बैन के मुद्दे पर भाजपा के सहयोगी जदयू अलग राय रखते हुए कहा है कि इससे समाज में तनाव फैलेगा। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि भारत की संविधान सभी को खाने –पीने की आजादी प्रदान करता है। हमारी पार्टी होटल या रेस्तरां में बीफ बैन का समर्थन नहीं करती है। जदयू नेता केसी त्यागी का बयान तब आया है जब, बीफ बैन की गूंज बिहार में भी सुनाई देने लगा।
इसके अलावा जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी बीफ बैन को गलत ठहराते हुआ कहा कि लोगों को खाने-पीने की आजादी होनी चाहिए। उन्होंने ने इस फैसले को समझ से परे बताते हुए राजधर्म के खिलाफ बताया।
जानें किन –किन राज्यों में है बीफ बैन –
भारत में 80 फीसदी आबादी वाला देश में हिन्दू गाय को पूजते हैं इसलिए देश में पूरी तरह गोमांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग लंबे वक्त से हो रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब , हरियाणा , उतराखंड , उत्तर प्रदेश , गुजरात , मध्यप्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ (केन्द्र्शासित ) इन राज्यों में गोमांस पूरी तरह बैन है जबकि छतीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां गोवंश के साथ –साथ भैंस के मांस भी बैन है। साथ ही बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, गोवा और केंद्रशासित प्रदेशों –दमन व द्वीप, दादर और नगर हवेली, पांडुचेरी और अंडमान निकोबार में आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
केरल, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और लक्ष्यदीप (केंद्रशासित प्रदेश) ऐसा राज्य है जहां गोमांस बेचने की छुट कानून में मिली है, असम भी इन्हीं राज्यों में शामिल था लेकिन अब असम सरकार के फैसले के बाद गोमांस प्रतिबंध वाला राज्य बन गया है।
बीफ बैन पर असम सरकार का फैसला –
असम सरकार ने गोमांस पर बैन लगा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐलान किया है कि, राज्यभर में न तो गोमांस खाया जाएगा और न ही परोसा जाएगा। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। सीएम ने बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। आपको बता दें कि सभी होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ बैन रहेगा और फैसले को ना मानने पर कड़ा एक्शन भी लिया जाएगा।