झारखंड में हुए 2024 विधानसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित हो गए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को 56 सीटें मिली है। हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने जा रहे हैं।
28 नवंबर को दिन 3 बजे मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने वाले हैं। इंडिया गठबंधन के अन्य पार्टी के बड़े नेताओं को इस शपथ समारोह में आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी को भी शपथ में आने के लिए हेमंत सोरेन ने न्योता दिया है।
इन सब के बीच हेमंत सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री पद का शपथ लेना, झारखंड के राजनीति में सबको आश्चर्यचकित कर रहा है। क्योंकि झामुमो से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को अलग होने से कयास लगाया जा रहा था कि झारखंड विधानसभा में इंडिया गठबंधन को नुकसान होगा। परंतु ऐसा नहीं हुआ। चंपाई सोरेन को कोल्हान में कोल्हान टाइगर के रूप में जाना जाता था इससे
यह अनुमान लगाया जा रहा था कि चंपाई सोरेन को भाजपा में आने से भाजपा मजबूत होगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
आदिवासी समुदाय में इंडिया ब्लॉक की पकड़ –
आंकड़े बताते हैं कि आदिवासी समाज में इंडिया गठबंधन का पकड़ अच्छा रहा है। सेंटर फ़ौर द स्टडी औफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज, दिल्ली के द्वारा किया गया विश्लेषण जो प्रभात खबर के अनुरोध पर किया गया है जिसमें बताया गया है कि उरांव समुदाय (राज्य में अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी में 20 फीसदी है ) तीन चौथाई यानी 72 फीसदी जनसंख्या , मुंडा समुदाय अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी में 15 फीसदी है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि 10 में 6 यानी 60 प्रतिशत लोगों ने इंडिया ब्लॉक को वोट दिया है। संताल समुदाय राज्य के सबसे बड़ा आदिवासी समूह है जिसकी भागीदारी राज्य में 32 फीसदी है । इस समुदाय ने 48 फीसदी वोट एनडीए गठबंधन को वोट दिया है वहीं 42 फीसदी वोट इंडिया ब्लॉक को मिला। दूसरे अन्य
आदिवासी समाज ने 55 प्रतिशत वोट इंडिया ब्लॉक को दिया है जबकि एनडीए गठबंधन को 31 फीसदी वोट मिला।
मुस्लिम समाज ने एकमुश्त किया इंडिया गठबंधन को वोट –
सर्वे के आंकड़े के अनुसार मुस्लिम वोटरों ने इंडिया गठबंधन एकजुट होकर वोट किया है। राज्य में 15 फीसदी आबादी वाले समुदाय ने 90 फीसदी वोट इंडिया गठबंधन को वोट किया है। हमने देखा भी है कि जिस प्रकार मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर वोट कर रहे थे ,वैसे हिन्दू समाज वोट नहीं कर रहे थे। हिंदुओं में सवर्ण समाज ऑर ओबीसी का वोट एनडीए गठबंधन को वोट नहीं मिलता तो हार का अंतर और ज्यादा होता।
ओबीसी समाज का वोट एनडीए गठबंधन को मिला –
झारखंड विधानसभा चुनाव में नतीजों को देखें तो ओबीसी समाज का 47 फीसदी वोट मिले ,वहीं 26 फीसदी इंडिया ब्लॉक को मिला। ओबीसी समुदाय राज्य में 45 फीसदी आबादी है। इंडिया गठबंधन के जीत में मुस्लिम मतदाताओं का साथ ऑर आदिवासी समाज में ध्रुवीकरण कारण रहा है।
बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा भाजपा के लिए हानि –
बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा असम के मुख्यमंत्री हेमंता विश्व सरमा द्वारा जिस प्रकार उठाया गया ,वह झारखंड के आदिवासी समाज में एकदम नहीं चला। बल्कि इससे आदिवासी समाज इस मुद्दे के कारण एनडीए गठबंधन को वोट नहीं कर पाई।
मईयां योजना का लाभ – इस योजना के तहत 18 से लेकर 50 साल तक के महिलाओं को 1000 रुपये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है, जिससे काफी ज्यादा आदिवासी समाज में ऑर अन्य समुदाय के लोगों में इसका असर हुआ है।