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लाइव बिहार
रांची/डेस्क :
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानुंगा।
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ। इन्हीं पंक्तियों के साथ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मदिवस पर विशेष श्रद्धा सुमन अर्पित ….
मध्यप्रदेश के ग्वालियर की धरती पर एक ऐसा शख्स ने जन्म लिया, जो अपने व्यक्तित्व और कर्तव्य से भारत ही नहीं बल्कि विश्व के पटल पर स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया। 25 दिसंबर 1924 को जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी देश के ऐसे नेता थे उन्हें अपनी पार्टी के लोग पसंद तो करते ही थे, साथ ही विपक्षी पार्टी के लोग भी उन्हें ध्यान से सुनते थे।
भारतीय जनता पार्टी, उनके जन्मदिवस के अवसर पर ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाती है। अटल जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में परमाणु परीक्षण किया गया। उनका कहना था कि जब देश युद्ध के संकट से घिर जाएगा तब क्या युद्ध के लिए हथियार का निर्माण होगा? हथियार का निर्माण तो युद्ध से पहले देश की सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। अटल जी जब देश के प्रधामन्त्री बने तो ‘ जय जवान ,जय किसान’ के नारों में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा गया। वे देश के प्रति समर्पित ऑर भारत को नए उचाइयों पर पहुंचाने के लिए तकनीक और विज्ञान पर बहुत ज़ोर देते थे।
अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भारत में परमाणु परीक्षण किए गए हालांकि वे शांतिप्रिय व्यक्तित्व के थे। वे राजनेता के साथ –साथ विख्यात कवि थे। उनकी कविता आज भी हम सब के लिए प्रेरणा की काम करती है। उनकी भाषा की शालीनता ऐसी कि विरोधियों को भी मन मोह लेता था।
अटल जी से जुड़े अनेक स्मृतियाँ करोड़ों लोगों के मानस पटल पर उभरी हैं जो आज भी अमर हैं। मृदुभाषी व्यक्तिव के धनी ऑर विद्वता के प्रतीक, देश के प्रधामन्त्री ऑर बड़े कवि अटल बिहारी बाजपेयी का देहांत 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हो गई। जो देश के लिए न कभी पूरी होने वाली कमी बनकर रह गई।