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रांची/ डेस्क : झारखंड विधानसभा के पहले सत्र की तारीख ऐलान होते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि क्या हेमंत सोरेन अपनी पहली परीक्षा में पास हो जाएंगे क्योंकि झारखंड विधानसभा की पहली सत्र 9 दिसंबर से शुरू हो रही है, जो चार दिनों तक चलेगी। पहली सत्र कैसी रहेगी ? क्या विपक्ष सत्र को सुचारु रूप में चलाने में सहयोग करेगा या यह सत्र हंगामों की भेंट चढ़ जाएगी।
निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार, सत्र का पहला और दूसरा दिन नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। तीसरा दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। वहीं चौथा और आखिरी दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा ऑर बजट पर बहस होगा।
इस बार बजट में खास क्या रहने वाला है –
इस सत्र में हेमंत सरकार सिर्फ दूसरा अनुपूरक बजट ही नहीं मईयां सम्मान योजना समेत कई जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए अनुदान की मांग भी रखेगी।
कैबिनेट गठन पर सस्पेंस जारी –
हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल गठन पर सस्पेंस बरकरार है। मुख्य सहयोगी पार्टी कांग्रेस के कोटे से मंत्री पद पर अटकलें जारी है। दिल्ली में आलाकमान के साथ कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का बैठक हो रही है। कांग्रेस कोटे से चार मंत्री बनाए जाने की खबर है। लेकिन झामुमो के सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी कांग्रेस अभी तक कोई फैसला नहीं कर पा रही है। दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। मंत्री के नाम एलान, नाम जाति, धर्म, क्षेत्र को ध्यान में रखकर किया जाएगा। अल्पसंख्यक, सामान्य जाति और अनुसूचित जाति से एक –एक मंत्री बनाए जाएंगे।
विधानसभा सत्र पर विपक्ष का सवाल –
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने 9 से 12 दिसंबर तक सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन विपक्ष इस छोटे से सत्र पर सवाल उठा रही है। विपक्ष का कहना है कि चार दिन के इस से छोटे सत्र में जनता के समस्याओं को उठाने ऑर उसका समाधान खोजने के लिए काफी नहीं हैं।