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न्यू दिल्ली/ डेस्क : यूपी विधानसभा में आज वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने साल 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, दूसरा अनुपूरक बजट इस सदन में लेकर आया हूं, जिसका आकार 17865 करोड़ रुपये है. यह मूल बजट 7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ रुपये का 2.42 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि, यह सरकार विकास को प्राथमिकता देती है, इसलिए दूसरे अनुपूरक बजट की आवश्यकता है. पहला अनुपूरक बजट 12209.93 करोड़ रुपये का था और यह दूसरा अनुपूरक बजट 17865.72 करोड़ रुपये का है. दोनों को मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 के बजट का आकार 7 लाख 66 हजार 513.36 करोड़ रुपये हो जाएगा. सुरेश खन्ना ने आगे कहा कि, इसमें 790.49 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव शामिल हैं. इसमें आकस्मिक बजट के लिए 30.48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव हैं. इसके अलावा ऊर्जा विभाग के लिए 8587.27 करोड़ रुपये, वित्त विभाग के लिए 2438.63 करोड़ रुपये, परिवार कल्याण के लिए 1592.28 करोड़ रुपये, पशुधन विभाग के लिए 1001 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 805 करोड़, प्राथमिक शिक्षा के लिए 515 करोड़, सूचना विभाग के लिए 505 करोड़ रुपये, पंचायती राज के लिए 454.01 करोड़ रुपये और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए 354.54 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. बता दें सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सरकार की उपलब्धियां को गिनाते हुए कहा कि, यूपी में अकेले शिक्षा विभाग में 1.60 लाख भर्ती हो चुकी है. पुलिस विभाग में 1.56 लाख भर्ती हो चुकी है. सभी विभागों को मिलकर सात लाख भर्तिया हो चुकी हैं. भर्तियों में आरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है. पिछली सरकार में 86 पद में 56 एक जाति से भर दिए गए थे. यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष सपा सरकार में ऐसा बनाया गया था जो टीचर बनने लायक भी नहीं था. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की एक सांसद फिलिस्तीन का बैग लेकर घूम रही हैं. हम यूपी के लोगो को रोजगार के लिए इज़राइल भेज रहे है. वहीं समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव सीएम योगी को घेरते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि, हम लोग भी 4 बार सरकार में रहे हैं. हमने भी अनुपूरक बजट लाया है और उसे खर्च किया है. यह लोग हर बार अनुपूरक बजट लाते हैं और खर्च नहीं कर पाते. ये कोई काम पूरा नहीं कर पाए हैं, बजट खर्च नहीं कर पाए हैं. दूसरी ओर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर उन्होंने कहा कि, समाजवादी पार्टी इसके विरोध में है. ये देश में तानाशाही ला रहे हैं और लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं.