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रांची / डेस्क : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान पर चर्चा के दौरान बाबा साहेब अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर पूरे देश में राजनीति तेज हो गई है।
समूचा विपक्ष अमित शाह पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहा है. तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए का पूरा कुनबा अमित शाह के बयान के बचाव में खड़े हो गए हैं.
अमित शाह के बयान से उपजी आग की लपटें बिहार की राजनीति में भी आहिस्ता-आहिस्ता प्रवेश करती जा रही हैं.
आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया है. लालू ने आज मीडिया से कहा है कि ‘अमित शाह पागल हो गए हैं। उन्हें बाबा साहेब से घृणा है। उनके बयान को हमने देखा, सुना है। उनके पागलपन का हम खंडन करते हैं। बाबा साहेब महान हैं, भगवान हैं।’ साथ ही लालू ने यह भी कहा कि ‘शाह को राजनीति त्याग कर इस्तीफा दे देना चाहिए और भाग जाना चाहिए।
इससे पहले बुधवार को तेजस्वी यादव ने शाह के बयान पर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- ‘भाजपाई कान खोल कर सुन लें, बाबा साहेब अंबेडकर हमारे फैशन भी हैं, पैशन भी हैं, इंस्पिरेशन और मोटिवेशन भी हैं।
आरएसएस-बीजेपी वालों ने सबसे पहले महात्मा गांधी जी को गाली दी, फिर जननायक कर्पूरी ठाकुर को दी, फिर नेहरू को दी और अब अंबेडकर को गाली दे रहे है।’
दरअसल, गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था , ‘अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ कांग्रेस ने इसे अंबेडकर का अपमान बताते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की है।
राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर अपनी टिप्पणी पर गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। कहा- ‘संसद में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। भाजपा के सदस्यों ने ऐसा ही किया। जब साबित हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, तो कांग्रेस ने अपनी पुरानी रणनीति अपनाते हुए बयानों को तोड़ना-मरोड़ना शुरू कर दिया।’
शाह ने कहा-
खड़गेजी इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें आनंद हो रहा है तो शायद मैं दे भी दूं पर उससे उनका काम नहीं बनना है। अभी 15 साल तक उन्हें जहां हैं, वहीं बैठना है, मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली।
इससे पहले खड़गे ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर दें। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों और बातों का बचाव करते हैं.
इससे पहले बुधवार को आरजेडी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने अमित शाह को पागल मंत्री बताया था। पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि ‘गृह मंत्री के बयान से देश की 90% आबादी मर्माहत है। उनके इस बयान का राष्ट्रीय जनता दल घोर निंदा करती है। यह देश के गृह मंत्री नहीं, देश के पागल मंत्री हैं। जब बाबा साहेब का अपमान हो रहा था, तब सदन में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी हंस रहे थे। यह दो नेता सिर्फ अपने परिवार के लिए जीते हैं। इन्हें दलित और महादलित से कोई मतलब नहीं है।’
तो इस तरह अमित शाह का अंबेडकर पर दिया गया विवादस्पद बयान विपक्ष के लिए सत्ता पक्ष फर हावी होने का एक बड़ा मौका दे दिया है. अभी तक विपक्ष नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार पर संविधान से छेड़छाड़ और संविधान बदलने का आरोप लगा रहा था, अब उन्हें संविधान बदलने के साथ-साथ अंबेडकर के अपमान का मसला भी मिल गया है.