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नई दिल्ली /डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 में शामिल हुए. जिसके बाद पीएम मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया और एग्जीबिशन का आनंद भी लिया. पीएम मोदी ने यहां मौजूद कलाकारों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की. पीएम मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि, साल 2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं. गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है. हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो. इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया. उन्होंने आगे कहा कि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है कि गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं. दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ को एक साल से ज्यादा तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है. दुनिया में DAP का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है. दुनिया में जो दाम चल रहे हैं, अगर उस हिसाब से हमारे किसान को खरीदना पड़ता तो वो बोझ में ऐसा दब जाता कि किसान कभी खड़ा ही नहीं हो पाता, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर DAP का दाम स्थिर रखा है. हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं. आपको बता दें कि, ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए, महोत्सव आज से 9 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है. इसका विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण’ और आदर्श वाक्य “गांव बढ़े, तो देश बढ़े” है. महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और दक्षता के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों में नवाचार को बढ़ावा देना है. इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन पर ध्यान देने और टिकाऊ कृषि विधियों को अपनाकर उत्तर-पूर्व भारत पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है. महोत्सव का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिन्दु उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए योजना बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और विविध क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाने, ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन विधियों का लाभ उठाने के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित करना और जीवंत प्रदर्शनों तथा प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना होगा.