लाइव बिहार
रांची/ डेस्क: टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी नितीश कुमार रेड्डी ने कमाल कर दिया है। खिलाड़ी ने अपनी डेब्यू टेस्ट में शतक जड़कर धमाल कर दिया है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में मेल्बर्न क्रिकेट ग्राउंड पर नितीश ने शतक लगाया है। टीम इंडिया में नीतीश 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। नीतीश उस समय बल्लेबाजी करने उतरे जब टीम इंडिया मुश्किल परिस्थिति में फंसा था। फॉलोऑन बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी। लेकिन नीतीश की बल्लेबाजी ने टीम इंडिया को 350 रनों तक पहुंचाने में मदद की। नीतीश रेड्डी के इस प्रदर्शन के पीछे उनके पिता का अहम योगदान है।
नितीश रेड्डी के पिता ने छोड़ी थी सरकारी नौकरी
नितीश रेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके पिता मुत्याला रेड्डी हिंदुस्तान जिंक कंपनी में काम करते थे। नीतीश पांच वर्ष के आयु में प्लास्टिक के बने बैट से क्रिकेट खेलते थे। विशाखापत्न्म क्रिकेट स्टेडियम में नितीश अक्सर जाया करते थे। नितीश का क्रिकेट के प्रति जुनून को देखते हुए उनके पिता ने उनके करियर के लिए बहुत बड़ा त्याग किया है। नितीश रेड्डी जब 12- 13 साल के थे तो उनके पिता का ट्रांसफर उदयपुर हो गया था। उनके पिता को लगा कि ट्रांसफर से उनके बेटे नितीश का करियर प्रभावित होगा। इसलिए उन्होने ने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया। उन्हें डर था कि किसी राजनीति के तहत नीतीश का करियर खराब हो न जाए इसलिए उन्होंने नीतीश का क्रिकेट पर ध्यान दिया। इस फैसले के बाद उनके रिश्तेदारों ऑर पहचान वालों में काफी आलोचना भी हुआ। नौकरी छोड़ने के फैसले पर सवाल उठते रहे लेकिन उनका ध्यान सिर्फ बेटे की करियर पर थी।
नीतीश की मदद एमएसके प्रसाद ने की
नितीश पर नजर सबसे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएसके प्रसाद की गई। उन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना ऑर नीतीश को आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन में जगह दिलाई। 17 साल की उम्र में नीतीश ने आंध्र प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना शुरू कर दिया।