लाइव बिहार
पटना: मकर संक्रांति के मौके पर बिहार की राजनीति में एक अजीब घटना घटी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चूड़ा-दही खाने के लिए चिराग पासवान के पार्टी दफ्तर पहुंचे, लेकिन उन्होंने भोज लिए बिना ही दफ्तर छोड़ दिया। यह घटना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
सीएम नीतीश कुमार के चिराग पासवान के दफ्तर पहुंचने पर उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया और उन्हें चूड़ा-दही पेश किया गया, जो मकर संक्रांति के दिन बिहार की एक प्रमुख परंपरा है। हालांकि, सीएम नीतीश ने भोज ग्रहण किए बिना ही दफ्तर छोड़ने का निर्णय लिया, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर उन्होंने भोज क्यों नहीं लिया।
दूसरी ओर, चिराग पासवान के दफ्तर में मकर संक्रांति के अवसर पर एक उत्सव का माहौल था। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने चिराग का गर्मजोशी से स्वागत किया और इस दिन को सांस्कृतिक एकता और बिहार की समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया। चिराग ने इस अवसर पर बिहारवासियों को शुभकामनाएं दी और सभी के लिए खुशहाली की कामना की।
मकर संक्रांति के दिन पारंपरिक भोज और नेता-संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन राज्यभर में होता है, जो राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देता है। इस विशेष दिन को लेकर सीएम नीतीश का बिना भोज खाए लौटना राज्य की राजनीति में एक अनोखी घटना बन गई है, जिस पर अब कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।