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रांची / डेस्क : महाकुंभ मेला भारत सहित विश्व में प्रसिद्ध है। साल 2025 में कुंभ महामेला लगने जा रहा है। अगर आप दुनिया के किसी भी कोने से 2025 महाकुंभ में आते हैं तो, महाकुंभ के यादगार निशानी के तौर पर अपने साथ बहुत कुछ ले जा सकते हैं। इस महाकुंभ में इस बार कुछ अनोखे प्रयोग से एआई जेनरेटिव चैटबौक्स के माध्यम से अपनी फोटो सहित महाकुंभ की प्रिंटेड प्रमाणपत्र सहेज कर यादगार के तौर पर रख सकते हैं। क्यूआर के माध्यम से हर इवेंट और हर मेगा प्रोग्राम की पूरी डिटेल इसी एआई चैटबॉक्स में मौजूद रहेगी। यह एक हाइटेक टेक्नोलॉजी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑर प्रधानमंत्री मोदी के विजन से संभव यह हुआ है।
महाकुंभ में यह पहली बार हो रहा है –
एआई चैटबौक्स का प्रयोग महाकुंभ में पहली बार हो रहा है, इस हाइटेक तकनीक के माध्यम से महाकुंभ 2025 को बहुत ही रोमांचकारी देश ऑर दुनिया में बनाया जा रहा है। एआई आपको किसी भी कोने से महाकुंभ तक पहुंचाने में सक्षम है। खाना, लौकर , बाथरूम, चेंजिंग रूम सहित अन्य सुविधाओं के बारे में एआई चैटबॉक्स पलक झपकते आपको बताएगा।
11 भाषाओं में यह सुविधा प्रदान करेगा–
एआई जेनरेटिव चैट बॉक्स के माध्यम सेहिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलगु, कन्नड, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगाली, उर्दू में पुछे गए सवाल का तुरंत जवाब मिलेगा। इस एआई चैट बॉक्स से आप लिखकर यह बोलकर सवाल आप पूछ सकते हैं। अपनी भाषा में पूछा गया सवाल का जवाब उसी भाषा में मिलेगा। सनातन धर्म में कुम्भ का बहुत बड़ा महत्व है ऑर करोड़ो हिन्दू कुम्भ मेला में एकत्रित होते हैं जहां नदी में स्नान किया जाता है। 12 साल के बाद कुम्भ का आयोजन होता है। कुम्भ मेला का आयोजन भारत के चार पवित्र नदियां ऑर चार तीर्थस्थानों पर आयोजित किया जाता है। प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक उज्जैन में कुम्भ का आयोजन होता है। प्रयाग में (गंगा , यमुना ऑर सरस्वती ) का संगम है, हरिद्वार में गंगा, नासिक में गोदावरी ऑर उज्जैन में शिप्रा नदी है।
2025 में महाकुंभ किस शहर में लगनेवाला है –
इस बार 2025 में कुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। महाकुंभ मेले का शुरुआत पौषमाह के पूर्णिमा के दिन से होगा ऑर समापन महाशिवरात्रि पर होगा। कुंभ का आयोजन पूरे 12 सालों के बाद किया जा रहा है इसके पहले साल 2013 में प्रयागराज में कुम्भ का आयोजन किया गया था।
2025 में जानें शाही स्नान की तिथियाँ–13 जनवरी 2025 प्रथम शाही स्नान पौष पूर्णिमा के दिन 14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति के शुभ अवसर के दिन 29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या के दिन 3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी के दिन 12 फरवरी 2025- माघ पूर्णिमा के दिन 26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शाही स्नान किया जाएगा कुंभ का महत्व-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुम्भ का आयोजन उन चार पवित्र जगहों पर किया जाता है जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें इन स्थानों पर गिरी थी। कुम्भ में भाग लेने वाले श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं ऑर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।