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रांची / डेस्क : 15 दिसंबर से खरमास का महीना शुरू हो चुका है। इस खरमास माह में कुछ भी शुभ कार्य करने की मनाही की गई है। आइये जानते हैं कि इस खरमास के समय कौन-कौन सा कार्य करना अशुभ होता है।
15 दिसंबर को सूर्य देव धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। इसी के साथ खरमास शुरू हो जाता है। सूर्य धनु राशि में 14 जनवरी तक विराजमान रहेंगे। उसके बाद सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। हिन्दू धर्म में खरमास का बहुत ही महत्व है। इस खरमास के दौरान कुछ कामों को करना मनाही है। अगर इस दौरान वर्जित कामों को करते हैं तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कब तक चलेगा खरमास –
हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को रात 10 बजे 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में गोचर करने से ही खरमास शुरू हो गया है। 14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस सूर्य गोचर को (सूर्य उत्तरायण ) कहा जाता है। अभी सूर्य दक्षिणायन हैं। 14 जनवरी को खरमास की समाप्ति हो जाएगी।
खरमास में मांगलिक कार्य करना क्यों वर्जित है?-
खरमास के समय कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है। खरमास के दौरान सूर्य देव की रथ को घोड़ों की जगह खच्चर यानि गधे खींचते हैं। जिसके कारण सूर्य की गति धीमी हो जाती है। ऑर सूर्य का तेज मंद पड़ जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंद पड़े सूर्य के तेज के समय कोई भी मांगलिक कार्य करने से सफलता की गुंजाइश कम हो जाती है। यही कारण है कि एक माह खरमास में शुभ कार्य करना वर्जित है।
खरमास में न करें ये काम –
खरमास के दौरान यह काम भूलकर ना करें। शादी, मुंडन, गृह प्रवेश , सगाई , नामकरण , जैसी मांगलिक कार्य करने की शास्त्रों में मनाही है।
खरमास के कुछ नियम इस प्रकार हैं –
खरमास के दौरान शादी ना करें मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, आदि कार्य खरमास में वर्जित होता है खरमास में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए शराब का सेवन भी वर्जित है खरमास में नया वाहन और मकान नहीं खरीदना चाहिए।
खरमास में क्या करना चाहिए –
खरमास के दौरान भगवान की उपासना करने से जीवन में चली आ रही परेशानी समाप्त होती है। माँ गंगा की आराधना करना भी लाभदायक है सूर्य की उपासना से भी लाभ मिलता है भगवान विष्णु के आराधना से जीवन सुखमय होता है।