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पटना : बिहार में 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सभी आरक्षित पदों का आरक्षण चक्र बदलेगा। पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, हर दो आम चुनावों के बाद आरक्षण चक्र में बदलाव अनिवार्य है। हालांकि, 2006 में पहली बार आरक्षण लागू होने के बाद से 2016 और 2021 के चुनावों में इसे बदला नहीं गया था। अब 2026 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा।
आरक्षण प्रक्रिया क्षेत्र की जनसंख्या संरचना के आधार पर तय होगी। इसका उद्देश्य पंचायत चुनावों को और अधिक समावेशी बनाना और सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व देना है। ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद सदस्य और जिला परिषद अध्यक्ष जैसे सभी पद आरक्षण के दायरे में आएंगे।
आरक्षण चक्र में यह बदलाव न केवल राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगा, बल्कि स्थानीय शासन में संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा। संबंधित प्रक्रिया जिला प्रशासन की देखरेख में होगी। इस कदम से पंचायत चुनावों की पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती मिलने की उम्मीद है।