लाइव बिहार
रांची/ डेस्क : 21 दिसंबर को इस बार वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जा रहा है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस उद्घाटन समारोह में भारत के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar ) मुख्य रूप से भाषण देंगे। श्री श्री रविशंकर वर्ल्ड मेडिटेशन मनाने के लिए पहले से ही प्रयासरत थे। आध्यात्मिक गुरु रविशंकर जी का ही प्रयास ऑर पहल के कारण आज वर्ल्ड मेडिटेशन मनाया जा रहा है। आइये जानते हैं कि मेडिटेशन हमें क्यों करना चाहिए और इससे क्या क्या लाभ हो सकते हैं …..
हमें मेडिटेशन की जरूरत क्यों है ?-
हमारी अधिकांशतः चिंताओं की शुरुआत इस बात से होती है कि हम सभी ने हर दिन थोड़ी देर के लिए भी अपने जीवन में शांत रहने का महत्व को समझा नहीं या भूला दिया है । हम अपने जीवन को शोर –शराबे की प्रक्रिया से जुडने की आदि हो चुके हैं । हम मोबाइल के साथ उठते हैं ऑर टेलीविज़न ऑर समाचारपत्रों के साथ हम तैयार होते हैं। हम जब काम पर जाते हुए गाड़ी चलाते हैं तो भी हम सभी प्रकार की व्यवसाय की नवीनतम रिपोर्ट सुन रहे होते हैं ऑर अगले आठ घंटे हम ऑफिस के शोरगुल में बिता देते हैं। जब हम दिन समाप्त होने पर घर पहुँचते हैं तब हम फिर से अपनी शाम टेलीविज़न की आवाज ,फोन की रिंगटोन, कम्प्युटर हमारा पीछा नहीं छोड़ती है। इन सबसे मन बहुत ही व्यथित हो जाता है। इसलिए मेडिटेशन के जरिए हम अपने आप को फिट ऑर संतुलित रख सकते हैं।
मेडिटेशन क्यों किया जाता है ?-
मेडिटेशन से हमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है। क्रोध, भावना, चिंता ,अवसाद पर नियंत्रण करने में मेडिटेशन हमें सहायता करती है। ध्यान वह अभ्यास है जो अपने मस्तिष्क को वह कार्य के लिए प्रशिक्षित एवं सुव्यवस्थित करती है जिसके लिए वह बनाया गया है। शांति आपको हर दिन ध्यान से मिलेगी, वह आपको हर मिनट प्रेरणा से भर देगी। आप दूसरों के साथ अच्छे संबंध रखने में सक्षम होंगे, ऑफिस में ज्यादा स्थिर, एकांत ऑर आनंदित रहेंगे। ध्यान आपको बेहतर माता –पिता ,जीवनसाथी ,एक अच्छे पेशेवर व्यक्ति या मित्र में आपको परिवर्तित करता है । ध्यान आपके मन को अनुसाशित एवं नियंत्रित करने में सहायता करता है। ध्यान पूर्णमन शांत होता है ,ध्यान के बिना हमारा हृदय भी मरुस्थल हो जाता है।
मेडिटेशन कितनी देर करनी चाहिए –
मेडिटेशन करने से काफी लाभ होता है। अगर आप मेडिटेशन शुरू कर रहे हैं तो 5 मिनट से 15 मिनट तक कर सकते हैं। अभ्यास के साथ इसे 20 मिनट से 30 मिनट तक बढ़ाया जा सकता है। मेडिटेशन का अभ्यास करने वाले लोग तो एक घंटे तक मेडिटेशन करते हैं। यह निर्भर करता है कि आपकी क्षमता कितनी है ऑर इसे आप कितनी लग्न से सीखते हैं। शुरुआत में कुछ परेशानी हो सकती है परंतु लगातार अभ्यास से मेडिटेशन सामान्य ऑर लाभदायक बन जाता है।
मेडिटेशन करने की विधि –
मेडिटेशन करने के लिए सबसे पहले शांत वातावरण का चयन करना होगा। चाहे वह घर में कोई कमरा हो या कोई पार्क हो। बस एक बात खास ख्याल रखना है कि उस स्थान पर शोरगुल नहीं हो। शांत स्थान पर योगमैट बिछाकर सुखासन में आराम से बैठ जाएँ। अपने दोनों आंखों को धीरे –धीरे बंद करें और गहरी सांस लें ऑर छोड़ें। इसके साथ सांस पर ध्यान फोकस करें, अपनी अंदर और बाहर आती –जाती सांस पर ध्यान लगाएं। सांस पर ध्यान लगाने के क्रम में आपके मन में विचार भी उमड़ने लगेंगे। उन विचारों को रोकना नहीं है बल्कि स्वीकार करना है। इस तरह आप मेडिटेशन की शुरुआत कर सकते हैं।
मेडिटेशन करने से सकारात्मक बदलाव –
जिस दिन ध्यान का अभ्यास करना सीख जाएंगे उसी दिन से जीवन में एक अलग बदलाव आना शुरू हो जाएगा। ध्यान कोई नए जमाने का तरीका नहीं है यह लाखों वर्षों पहले की खोज है। ध्यान अत्यंत पुरानी पद्धति है जिसका विकास दुनिया के कुछ सर्वोच्च रूप से महान दूरदर्शी लोगों ने अपने मन का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेने के लिए किया था।
मेडिटेशन लक्ष्य तक पहुंचने में सहायक –
फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल ने लिखा है ,’’ हर इंसान की परेशानियाँ अपने कमरे में चुपचाप न बैठ पाने के कारण आती है। ध्यान रूपी गुण के बिना सम्पूर्ण जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। अगर आप एक क्रिया पर नियंत्रण अपना ध्यान फोकस नहीं कर पाते हैं तो आप कभी भी अपने लक्ष्य नहीं पा सकेंगे ऑर नहीं अपने जीवन को आनंदित कर पाएंगे। बिना मानसिक संतुलन एवं अनुशासन के निम्न विचार ऑर तनाव आपका पीछा करेंगी ऑर आप में कभी भी अपने आप को अधिक अर्थयुक्त प्रक्रियाओं में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा। बिना गहन मनयोग के आपका तार्किक बुद्धि आपका मालिक बनकर आपको अपने वश में कर लेगी ,अर्थात आपको गुलाम बना लेगा।