
13 दिसंबर को पीएम की अध्यक्षता में होगा आयोजन
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नई दिल्ली / डेस्क : 13 दिसंबर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों का सम्मेलन होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह सम्मेलन आयोजित किया गया है. इसमें झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, योजना विभाग के प्रधान सचिव मस्तराम मीना समेत तीन अफसर भाग लेंगे. नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा में आयोजित इस सम्मेलन में झारखंड तेलहन और दलहन पर आत्मनिर्भरता को लेकर अपना प्रजेंटेशन देगा. झारखंड अभी देशभर में दलहन उत्पादन में अव्वल है. पीएम मोदी अगले महीने मुख्यमंत्रियों के साथ वार्षिक सम्मेलन से ठीक पहले विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों से मुलाकात करने वाले है. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी भविष्य की नीतिगत कार्यसूची को अंतिम रूप भी दे सकते है. बता दें यह बैठक नीति आयोग ने बुलाई है. 13 दिसंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में नीति आयोग अगली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री की ओर से मुख्यमंत्रियों के साथ उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों को रेखांकित करेगी. केंद्र सरकार चाहती है कि, राज्यों को अधिक निवेश आकर्षित करने में मदद करने के लिए सुधार लाने चाहिए, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा. नीति आयोग राज्यों के निवेश सूचकांक पर काम कर रहा है, जो दिखाएगा कि कौन सी नीतियां या उपाय निवेश आकर्षित करने में मदद कर रहे हैं और कौन से इसमें बाधा डाल रहे हैं. झारखंड अभी तेलहन में पिछड़ा है. एनएफएसम में अब झारखंड के सभी जिलों को शामिल किया गया है. इस सम्मेलन में झारखंड से मुख्य सचिव, योजना विभाग के प्रधान सचिव समेत तीन अफसर शामिल होंगे. तीन दिवसीय सम्मेलन, राज्यों के साथ साझेदारी में तेज और निरंतर आर्थिक विकास को हासिल करने पर केंद्रित होगा. इसमें 200 से ज्यादा लोग हिस्सा ले रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. जहां विकास, रोजगार, सृजन और समावेशी मानव विकास पर जोर देते हुए विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सहयोगी कार्य योजना का आधार तैयार किया जाएगा. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच भागीदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में यह सम्मेलन एक प्रमुख कदम होगा. पीएमओ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास सहित 6 मुद्दों पर चर्चा होगी. जिसके बाद उन्हें कारगर करने पर विचार किया जाएगा.