
लाइव बिहार
नई दिल्ली / डेस्क : सीरिया पर सकंट के बदल मंडरा रहे है. विद्रोही लड़ाकों की फौज सीरिया की राजधानी दमिश्क में आ धमकी है. जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने पूरे परिवार के साथ देश छोड़कर भाग गए हैं. इसी के साथ असद परिवार का 54 साल पुराना राज खत्म हो गया. इसमें 24 साल बशर अल-असद के हैं. साल 2011 में गृह युद्ध शुरू होने के बाद कई मौके आए, जब असद की सरकार जाते दिखी, लेकिन वे हर बार सत्ता बचा ले गए थे. सरकार गिरते ही जश्न मनाती भीड़, खुशी में फायरिंग करते लड़ाकों और राष्ट्रपति भवन से सामान लूटकर ले जाते लोगों के वीडियो सामने आने लगे. इस वीडियो में किसी का भी चेहरा नहीं दिखा सकता. हालात बहुत ज्यादा खराब हैं. किसी का भी परिवार यहां सुरक्षित नहीं है. सीरिया के हालात समझने के लिए पत्रकारों ने वहां जा कर हालात का समझा. बता दें असद सरकार गिरने के 48 घंटे बाद, पत्रकारों से उन्होंने बात की है और कहा है कि, सवाल भेज दीजिए उसपर ही वॉयस नोट भेजकर जवाब दूंगा. असद सरकार गिरने और आर्मी की हार के बाद लोगों ने पुलिस स्टेशन-आर्मी के कैंप में घुसकर हथियार लूट लिए हैं. तख्तापलट के बाद होने वाली झड़पें और आपाधापी जारी है. सरकारी और कुछ निजी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया है. अब विपक्षी ताकतें सीरिया पर कंट्रोल कर रही हैं, हालात बेहतर हो रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी ने विद्रोही गुटों के लीडर और हयात तहरीर अल-शाम के चीफ अबू मोहम्मद अल-जुलानी से बात की है. जुलानी ने कहा है कि, नई सरकार बनने तक आप काम करते रहें. सभी मंत्री काम कर रहे हैं. दूसरी ओर बशर अल-असद या उनके परिवार की सीरिया में वापसी की कोई संभावना नहीं है. असद सरकार के दमन के शिकार हुए लोग ऐसा नहीं होने देंगे. असद जिस तरह भागे हैं, उन्होंने न समर्थकों के लिए कुछ कहा, न उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए. आपको बता दें समर्थकों को पीछे छोड़कर भागने की वजह से असद की बची-खुची साख भी मिट्टी में मिल गई है. 15 साल से चल रहे युद्ध की वजह से नौजवान, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी परेशान हैं. लोग कह रहे हैं कि असद को मुल्क छोड़ना था, तो 2011 में ही छोड़ देना था. हम युद्ध और तबाही से बच जाते. सीरिया की आर्मी इतनी जल्दी पीछे हट जाएगी और देश पर विद्रोही गुटों का कब्जा हो जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. आने वाले वक्त में इसका भयानक असर हो सकता है. विद्रोही संगठन कोई एक गुट नहीं है, कई गुटों से मिलकर बना है.इनमें कट्टरपंथी इस्लामी जिहादी गुट हैं. ये ISIS और अल कायदा से जुड़े हैं.