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नई दिल्ली / डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से प्रगति यात्रा पर निकलेंगे. इसकी शुरुआत पश्चिम चंपारण से होगी और 28 दिसंबर को वैशाली से इस यात्रा का समापन होगा. यह यात्रा कई चरणों में होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले चरण के पहले दिन 23 दिसंबर को पश्चिमी चंपारण जाएंगे. जहां राज्य सरकार की योजनाओं का अधिकारियों के साथ बैठकर परीक्षा करेंगे और वाल्मीकीनगर ने रात्रि विश्राम करेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह यात्रा पश्चिम चंपारण से शुरू होने जा रही है. पहले चरण की यात्रा 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक होगी. सीएम नीतीश कुमार 24 दिसंबर को पूर्वी चंपारण में ही रहेंगे. 25 दिसंबर को पटना में रहेंगे और कहीं यात्रा पर नहीं जाएंगे. 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिवहर और सीतामढ़ी में अपनी यात्रा को करेंगे. वहीं मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा 27 दिसंबर को पहुंचेगी. पहले चरण की आखिरी यात्रा 28 दिसंबर को वैशाली में होगी. वाल्मीकि नगर के वासियों को उम्मीद है कि, सीएम अपनी यात्रा के दौरान इस क्षेत्र को नया जिला घोषित कर देंगे. दरअसल, वाल्मीकिनगर को नया जिला बनाने की मांग कई सालों से की जा रही है. कई बार इसको लेकर लोगों ने आंदोलन भी किया, लेकिन अब तब इस मामले में कोई बात नहीं बन पाई है. वैसे भी विकास में पिछड़े इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने काफी प्रयास किए हैं.
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व का सौंदर्यीकरण करके टूरिज्म को बढ़ाने का प्रयास अबतक जारी है. सूत्रों के मुताबिक, इस क्षेत्र को नया जिला बनाने को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से एक कमेटी का गठन किया था. जिसका काम था नए जिले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना. इस कमेटी की रिपोर्ट भी आनी है. सियासी जानकारों का कहना है कि, अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर को नया जिला घोषित कर दिया, तो वे पूर्व सीएम राबड़ी देवी की बराबरी कर लेंगे. दरअसल, राबड़ी देवी के शासनकाल में 20 अगस्त 2001 को अरवल को आखिरी नया जिला बनाया गया था. आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश के इस प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिले के प्रभारी मंत्री भी उनके साथ होंगे. साथ ही स्थानीय विधायक सांसद एनडीए के हैं. उन्हे भी इस यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगे. बताया जा रहा है कि, इस यात्रा को लेकर सियासी बाजार गरम था. मुख्यमंत्री की यात्रा को पहले ‘महिला संवाद यात्रा’ कहा जा रहा था और इस यात्रा को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने विवादित बयान दिया था. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं ने लालू प्रसाद को जमाकर खरीखोटी सुनाई थी.