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नई दिल्ली/डेस्क: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस दिल्ली के दौरे पर हैं. आपको बता दें महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, देवेंद्र फडणवीस पहली बार दिल्ली पहुंचे हैं. सीएम के दौरे में मंत्रिमंडल को लेकर धाईं धुधं छंटने की उम्मीद है. महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार 14 दिसंबर को होने की उम्मीद है. पहले 12 दिसंबर की तारीख तय की गई थी. फडणवीस के दिल्ली दौरे को मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों की चर्चा से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो सीएम के दिल्ली दौरे में मंत्रिमंडल और विभागों के बंटवारे पर मुहर लग जाएगी. राज्य में 15वीं विधानसभा का पहला सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू होगा. सोमवार को खत्म हुए तीन दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र में विधायकों की शपथ के साथ स्पीकर का चुनाव हो चुका है. सूत्रों की मानें तो फडणवीस गृह विभाग शिवसेना को देने के इच्छुक नहीं है. उप मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे को अर्बन डेवलपमेंट के साथ एक-दो और अहम विभाग दिए जा सकते हैं. चर्चा यह भी है कि, फडणवीस के दिल्ली पहुंचने बाद अजित पवार और एकनाथ शिंदे भी दिल्ली जा सकते हैं.मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे.हालांकि फडणवीस ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकत कर कर ली है. बता दें इन वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पावर शेयरिंग के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया जाएगा. उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गृह विभाग के साथ-साथ शहरी विकास पर भी जोर दे रहे हैं. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि इस मांग का समाधान क्या होता है. चर्चा है कि शिंदे को गृह खाते की जगह राजस्व खाता दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि, पुराने मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा. बीजेपी की कोशिश है कि, एकनाथ शिंदे को अर्बन डेवलपमेंट पर राजी किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो बीजेपी उन्हें राजस्व विभाग दे सकती है. फडणवीस के पहले कार्यकाल में वह राजस्व विभाग संभाल चुके हैं. महाराष्ट्र में विधायकों की कुल संख्या के आधार पर अधिकतम 43 मंत्री बन सकते हैं. शिंदे सरकार में कुल 28 मंत्री थे. इसमें 10 बीजेपी और 9-9 मंत्री एनसीपी और शिवसेना के कोटे से थे.इस बार की सरकार में मंत्रिमंडल बड़ा होने की संभावना है. ऐसे में बीजेपी से करीब 20 मंत्री बन सकते हैं.एनसीपी और शिवसेना को 10 और 12 मंत्रीपद मिल सकते हैं. बीजेपी के उत्तर भारतीय विधायकों में संजय उपाध्याय के मंत्री बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है.