श्रवण आकाश, खगड़िया
खगड़िया : प्रभारी प्राचार्य सह विभागाध्यक्ष डा. राजकुमार सिंह ने दिनांक 2 जनवरी 2021 को स्नातकोत्तर हिंदी विभाग कोशी कालेज , खगडिया द्वारा आयोजित चार दिवसीय विभागीय सेमिनार का उद्घाटन सम्बोधन में “स्वलीनता आन्दोलन में हिंदी की भूमिका”विषय पर कहा कि हिंदी के साथ-साथ भारत की समस्त भाषा एवं बोली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होने यह भी कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से स्वंत्रता सेनानियों के साथ आम जनता को जोड़ने का काम कर रहे थे. हिंदी विभागाध्यक्ष डा कपिलदेव महतो ने कहा कि स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान वैचारिक आजादी में साहित्य एवं साहित्यकारों की 1857 से 1947 तक क्रांतिकारियों के साथ-साथ लेखकों, कवियों व पत्रकारों की महत्वपूर्ण व प्रसंसनीय भूमिका रही है. प्रेमचंद की रंगभूमि, कर्मभूमि, भारतेन्दु का भारत-दूर्दशा आदि रचनाओं को उस समय जिसने पढा वे घर-परिवार छोड़कर स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़े.
इतिहास विभागाध्यक्ष डा नरेश प्र. यादव ने इस दिसा में साहित्य और इतिहास की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. प्रो. प्रभात कुमार ,सहायक प्राध्यपक इतिहास एवं प्रो. लक्ष्मी कान्त झा, हिंदी विभाग , स्नातकोत्तर की छात्रा अंजली, अनुष्का, मुन्ना कुमारी, ममता कुमारी, प्रीतम कुमारी तथा छात्र मिथलेश कुमार, धर्मराज, सोनू कुमार, रितेश, राहुल, मोदी. वकील ने एतिहासिक रचनाकार जयशंकर प्रसाद, नेहरु, शरद बाबू, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्राकुमारी चौहान की रचनाओं को याद करते हुए स्वाधीनता आन्दोलन में उनकी रचनाओं का योगदान पर विस्तृत व्याख्यान दिया. दिनांक 3.01.2021. दिन रविवार को ” साहित्य और संस्कृति का अंतर्संबंध” विषय पर परिचर्चा पीजी प्रथम सेमेस्टर तथा “भक्तिकालीन साहित्य और रीतिकालीन साहित्य :एक परिचय” विषय पर द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं का संबोधन होगा.