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नई दिल्ली / डेस्क : चक्रवाती तूफान फेंगल अपना कहर बरपा रहा है. जहां तमिलनाडु में इसका तांडव जारी है, वहीं इसका असर झारखंड में भी दिखने लगा है. रांची समेत आसपास के जिलों में आज आसमान में बादल छाए हुए है. मौसम विभाग के अनुसार, निकटवर्ती मध्य हिस्से यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, खूंटी और गुमला में हल्की बारिश और कोहरे होने का संभावना जताई है. जानकारी यह भी है कि, 8 दिसंबर तक राज्य के अधिकांश जिलों में सुबह में हल्का और मध्यम दर्जे का कोहरा या धुंध और बाद में आंशिक बादल छाए रहने के आसार है. मौसम विभाग के 4 दिसंबर को सुबह में धुंध और कोहरा के बाद आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है. इस दौरान मौसम शुष्क रहने का अनुामन है. 5 से 7 दिसंबर को आसमान पूरी तरह से साफ रहने की उम्मीद है, जबकि 8 दिसंबर को फिर से आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है. मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि, राज्य में अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. इसके बाद अगले दो से तीन दिनों के अंदर तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. पूरे राज्य में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. ऐसे में तापमान लगातार नीचे जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. नवंबर महीने के खत्म होते ही ठंड ने अब रफ्तार पकड़ ली है. सोमवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई, तो कहीं-कहीं तापमान 8 डिग्री सेल्सियस भी दर्ज की गई. सुबह से छाए कोहरे और लगातार चल रही सर्द हवाओं के कारण यहां का तापमान दिन हर दिन गिरता जा रहा है. मैकलुस्कीगंज में सुबह और शाम होते ही आंशिक रुप से कोहरा छाया रहा. कोहरे के कारण विजिबिलिटी भी कम रही. दिन दस बजे कोहरे का असर कम होने और धूप निकलने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली. वहीं दिन में भी सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई है. जिससे लोग घरों में कैद होने को मजबूर है. लोगों को अब अच्छी खासी ठंड का एहसास होने लगा है. ठंड के दस्तक देने के साथ ही आम लोग ठंड से राहत पाने के लिए अपने घरों में रखे जैकेट, स्वेटर और गर्म कपड़े निकालने भी शुरू कर दिए है. ठंड बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी विद्यार्थियों को हो रही है. जिसके कारण छात्र देरी से स्कूल पहुंच रहे है. बता दें कि पिछले साल भी मैकलुस्कीगंज में कड़ाके की ठंड पड़ी थी और तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया था.