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रांची/ डेस्क : मेदिनीनगर -बालिकागृह कांड में बच्चियों के शोषण की घटना पर भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मराण्डी ने हेमंत सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच हो ऑर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई हो। बाबूलाल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी सदस्य द्वारा बालिकागृह में रह रही बच्चियों की तस्वीर ऑर गलत कार्यों के लिए दबाव डालना अत्यंत गंभीर ऑर शर्मनाक है।
आगे बाबूलाल ने कहा कि यह घटना प्रशासनिक तंत्र की विफलता और अधिकारियों की संवेदनहीनता को उजागर करती है।जिन अधिकारियों पर सुरक्षा का दायित्व है, वे ही ऐसी घृणित कार्य में लिप्त हैं, इससे ज्यादा ऑर क्या गलत हो सकता है। बाबूलाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि पीड़ित बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए ऑर दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना पर एक नजर –
मेदिनीनगर -पलामू के बालिका गृह से चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें चार साल से बच्चियों के साथ यौन शोषण हो रहा था। मामला सार्वजनिक होने पर बालिका गृह के संचालक रामप्रताप गुप्ता और महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी को जेल भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा बालिका गृह को सील कर, बच्चियों को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
सीडब्ल्यूसी जिला सूत्री की उपाध्यक्ष विमला कुमारी ने बुधवार को इस मामले को खुलासा करते हुए कहा कि इस बालिका गृह में पिछले चार साल से बच्चियों के साथ यौन शोषण का खेल चल रहा था। जांचके बाद शिकायत के लिए कारवाई की गई थी। लेकिन तत्कालीन पलामू के डीसी व डीएसडब्ल्यूओ ने कारवाई के नाम पर केवल कोरम पूरा किया था, जिससे साफ पता चलता है कि इस मामले में इन दोनों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ऐसे में दोनों की भूमिका की जांच हाई लेवल की होनी चाहिए। विमला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बालिका गृह के संबंध में कई शिकायतें मिलने के बाद 16 मार्च 2023 को जांच की गई थी जिसमें अनेक गड़बड़ियाँ पाई गई थीं। लेकिन पलामू की तत्कालीन समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी अपने स्तर से जांच कर क्लीनचिट दे दी थी। तब यह मामला तत्कालीन डीसी तक पहुंचा। डीसी ने डीडीसी से जांच की रिपोर्ट मांगी, लेकिन डीडीसी ने इसमामले को रफा –दफा कर दिया।
विमला ने आगे बताया कि एक बच्ची जिसके और दो नाबालिक भाई –बहन थे। उसे गढ़वा से रेसक्यू कर के डालटनगंज के दिव्याङ्ग स्कूल में रखा गया था। किसी कारण से स्कूल बंद होने पर दोनों बच्ची को बाल गृह में रखा गया। जब बच्ची बालिग हुई तो पैसे लेकर किसी अनजान व्यक्ति के हाथों शादी के नाम पर बेच दिया गया। जब बच्ची बालिका गृह में रह रही तो ऐसे में कानूनी अभिभावक के तौर पर एसडीओ या डीडीसी होते हैं, लेकिन इसका ख्याल नहीं रखा गया।
पाँच माह पहले हुई थी 2 सगी बहनें फरार –
बीससूत्री उपाध्यक्ष विमला ने एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पाँच महीने पहले दो सगी बहने इस बालिका गृह से फरार हुई थी। बड़ी बहन के साथ बालिका गृह में दुराचार हुआ था, जिसका प्रत्यक्षदर्शी गवाह उसकी छोटी बहन थी। दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिर्गी का हवाला देकर मामले को रफा –दफा कर दिया गया। विमला कुमारी ने कहा कि इसकी पुनः जांच होनी चाहिए। विमला कुमारी ने बालिका गृह में हो रहे यौन शोषण के पूरे प्रकरण की जांच की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऑर विधायक कल्पना सोरेन से की है। ताकि ऐसी घटना भविष्य में न हो, बेटियों को न्याय मिल सके।