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नई दिल्ली / डेस्क : असम सरकार ने गोमांस पर बैन लगा दिया है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने ऐलान किया है कि, राज्यभर में आज से न तो गोमांस खाया जाएगा और न ही परोसा जाएगा. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने आज अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी. सीएम ने बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. आपको बता दें सभी होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर यह बैन रहेगा और फैसले को ना मानने पर कड़ा एक्शन भी लिया जाएगा. इसकी घोषणा करते हुए जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि, कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए. दरअसल सामगुरी सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था. 23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस की हार पर सांसद रकीबुल हुसैन ने बीजेपी पर बीफ बांटने का आरोप लगाया था. इसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि, वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस इसे लिखित में दें. सीएम हिमंता ने कहा था कि, मैं जानना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को गोमांस देकर सामगुरी जीत रही थी. वह सामगुरी को अच्छी तरह से जानते हैं. क्या इसका मतलब यह है कि, गोमांस देकर सामगुरी जीती जा सकती है. इस साल धुबरी लोकसभा सीट से 10.12 लाख से ज्यादा मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीतकर हुसैन सांसद बने है. इससे पहले वे लगातार पांच बार सामगुरी से विधायक रहे थे. हिमंता ने आगे कहा कि, मैं रकीबुल हुसैन से कहना चाहता हूं कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि ये गलत है. उन्हें मुझे केवल लिखित में देने की जरूरत है. बीजेपी और कांग्रेस को गोमांस के बारे में नहीं बोलना चाहिए. BJP, AGP, CPM कोई भी ऑफर नहीं कर पाएगा और हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी को गोमांस खाना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि, हमने 3 साल पहले असम में गोहत्या रोकने के लिए कानून बनाया था. जिससे गोहत्या को रोकने में काफी मदद मिली है. हमने जो तीन साल पहले कदम उठाया था अब उसे आगे ले जा रहे हैं. आपको बता दें कि, असम में गोमांस का सेवन गैरकानूनी नहीं है लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 उन क्षेत्रों में मवेशी वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है. जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं और किसी मंदिर या सत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में हैं.