रांची डेस्क: दिल्ली दंगों के अभियुक्त ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी परोल मिली है. लेकिन, उनका दावा है कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए पूरा समय नहीं मिल रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ताहिर हुसैन ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए मुझे 12 घंटे दिए गए थे. मगर, मुझे आठ घंटे भी नहीं मिल पा रहे थे. मैंने पुलिस प्रशासन के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की है.”
उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आज और कल मुझे चुनाव प्रचार के लिए पूरा समय मिलेगा. मैंने पिछले पांच सालों में देखा है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने संवैधानिक ढंग से काम किया है. मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं.”
ताहिर हुसैन ने यह भी कहा कि, “मुस्तफ़ाबाद में बड़ी साज़िश रची जा रही है. मेरी मुख्य प्रतिद्वंदी भाजपा नहीं चाहती है कि मैं प्रचार करूं. आम आदमी पार्टी मुझे चुनाव प्रचार से रोक रही है.”
आपको बता दें कि ताहिर हुसैन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफ़ाबाद सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में 23 फ़रवरी से 26 फ़रवरी, 2020 के बीच दंगे हुए थे. इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़, मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. उस वक़्त ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद थे, लेकिन दंगों में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था.
ताहिर हुसैन पर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं. चुनावी हलफ़नामे के मुताबिक़ ताहिर के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस की 10 और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 1 एफ़आईआर दर्ज है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताहिर हुसैन उत्तर पूर्वी दिल्ली की जिस मुस्तफ़ाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़े रहे हैं, वो 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. पहले यह करावल नगर विधानसभा सीट का हिस्सा थी.
साल 2020 में यहां से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हाजी यूनुस ने जीत दर्ज की थी. इस बार पार्टी ने आदिल अहमद ख़ान को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने पूर्व विधायक हसन मेहदी के बेटे अली मेहदी को और भारतीय जनता पार्टी ने करावल नगर के मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट को इस सीट से टिकट दिया है.
2020 के सांप्रदायिक दंगों का केंद्र रहे मुस्तफ़ाबाद में क़रीब 2.6 लाख वोटर हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक़ मुस्तफ़ाबाद में क़रीब 40 प्रतिशत मुसलमान और क़रीब 60 प्रतिशत हिंदू आबादी है.
लेकिन अब इस त्रिकोणीय लड़ाई में ताहिर हुसैन की भी एंट्री हो गई है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उन पर वोट काटने और बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने के आरोप लगा रही है.