लाइव बिहार
नई दिल्ली /डेस्क : पुणे से प्रयागराज तक ‘भारत गौरव ट्रेन’ चल रही है. यह ट्रेन 15 जनवरी से 23 फरवरी तक चलेगी. आईआरसीटीसी वेस्ट जोन महाकुंभ मेला 2025 के लिए यह ट्रेन चलाई जा रही है. आपको बता दें कि,’महाकुंभ ग्राम आईआरसीटीसी टेंट सिटी प्रयागराज’ नाम के पैकेज में यात्रा, भोजन और रहने की सुविधा शामिल है. यह ट्रेन वाराणसी और अयोध्या भी जाएगी. टिकट की कीमतें इकोनॉमी क्लास के लिए 22,940 रुपये, स्टैंडर्ड क्लास के लिए 32,440 रुपये और कम्फर्ट क्लास के लिए 40,130 रुपये हैं. यह ट्रेन सेवा ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम का हिस्सा है. भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम वेस्ट जोन आगामी महाकुंभ मेला 2025 के लिए महाराष्ट्र के पुणे से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक विशेष ‘भारत गौरव ट्रेन’ सेवा शुरू कर रहा है. यह ट्रेन 15 जनवरी से 23 फरवरी तक चलेगी. इस पैकेज को ‘महाकुंभ ग्राम आईआरसीटीसी टेंट सिटी प्रयागराज’ नाम दिया गया है. इसमें तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा, भोजन और प्रयागराज में टेंट में रहने की व्यवस्था शामिल है. महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक है. भारत गौरव ट्रेन में 14 डिब्बे होंगे. इनमें लगभग 750 यात्री सफर कर सकते हैं. इस ट्रेन का रूट उत्तर प्रदेश के वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या जैसे अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगा. महाराष्ट्र के पुणे, लोनावला, कर्जत, पनवेल, कल्याण, नासिक, मनमाड, चालीसगांव, जलगांव और भुसावल में ट्रेन के बोर्डिंग स्टेशन बनाए गए हैं. इससे कई क्षेत्रों के यात्रियों को यात्रा करने में आसानी होगी. पैकेज के तहत टिकट की कीमतों की बात करें तो इकोनॉमी क्लास के लिए 22,940 रुपये, स्टैंडर्ड क्लास (3AC) के लिए 32,440 रुपये और कम्फर्ट क्लास (2AC) के लिए 40,130 रुपये रखी गई है. महाकुंभ मेला 2025, 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा. इसमें दुनिया भर से लोग महाकुंभ के पवित्र महासंगम में शामिल होने आते हैं. कुंभ मेला हर तीन साल में, अर्ध कुंभ हर 6 साल में और महाकुंभ हर 12 साल में होता है. पिछला महाकुंभ मेला 2013 में हुआ था. इसके बाद 2019 में अर्ध कुंभ का आयोजन किया गया था. महाकुंभ 2025 का आयोजन 29 जनवरी, 2025 को ‘सिद्धि योग’ में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में होगा. ‘भारत गौरव ट्रेन’ सेवा केंद्र सरकार के ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम का हिस्सा है. इसका उद्देश्य घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना है. इस कार्यक्रम की शुरुआत से अब तक पूरे भारत में 86 ट्रेन सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं.