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रांची/ डेस्क : 1971 के भारत –पाकिस्तान युद्ध के नायक परमवीर अलबर्ट एक्का जी की आज (3 दिसंबर) को पुण्यतिथि है। उनका जन्म 27 दिसंबर 1942 को गुमला जिले के जारी गाँव में हुआ था। जूलियस एक्का ऑर मरियम एक्का के घर एक वीर सपूत ने जन्म लिया। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गुमला के भिखमपुर में हुई थी। बचपन से से ही वीरता की कहानियाँ सुनकर उन्हें सेना में जाने के लिए प्रेरणा मिली। सन 1962 में वे सेना में शामिल हो गए।
मरणोपरांत परमवीर चक्र से हुए थे सम्मानित –
साल 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय अल्बर्ट एक्का की आयु 29 साल थी। उन्होंने असाधारण साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों का दांत खट्टे किए ऑर वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी साहस ऑर वीरता के लिए लांस नायक अल्बर्ट एक्का को मरणोपरांत परमवीर से सम्मानित किया गया, अविभाजित बिहार झारखंड से यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले वीर सपूत थे।
झारखंड की राजधानी में लायन्स नायक अलबर्ट एक्का की प्रतिमा सैनिक लिबास में मशीनगन ताने लगी है। जो भारत –बंगालदेश की जीत की कहानी बयां कर रही है। एक ओर पूरी दुनिया में एक नए देश का प्रादुर्भाव हो रहा था ,वहीं झारखंड के गुमला का सूरज अपनी अमिट छाप छोड़ अस्त हो गया था।
पाकिस्तान के चंगुल से बांग्लादेश को अलग करने में अहम भूमिका निभाई –
लायन्स नायक अल्बर्ट एक्का ने 3 दिसंबर 1971 को भारत –पाक युद्ध में औपरेशन कैक्टस लिली के दौरान बलिदान देकर बांगलादेश को मुक्त कराया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अल्बर्ट एक्का ने सिर्फ भारतीय सेना के साथियों के साथ युद्ध लड़ते रहते बल्कि एक बंकर में ग्रेनेड भी फेंका। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी एक और मीडियम मशीन गन को चुप कराने के लिए खतरनाक वार किया है।
शहादत दिवस पर याद किए गए परमवीर चक्र से सम्मानित अल्बर्ट एक्का –
संत ज़ेवियर कौलेज के एनसीसी कैडेट ने परमवीर चक्र से सम्मानित लायन्स नायक अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर उन्हें याद किया गया ऑर अल्बर्ट एक्का चौक पर लायन्स नायक के सम्मान में रीथ लेइंग और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें 100 एनसीसी कैडेट शामिल थे।
राज्यपाल संतोष गंगवार द्वारा परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का को दी श्रद्धांजली –
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मंगलवार को राजभवन में शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।